हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार ,हज़रत फ़ातिमा ज़हेरा सलामुल्लाह अलैहा के शहादत के मौक़े पर मऊ ज़िले के घोसी में पाँच मजलिसों का आयोजन किया गया है और रोज़े शहादत हज़रत फातेमा स.अ के मौक़े पर जुलूस ए फ़ातमी भी निकाला जाएगा।
इन मजलिसों को हिंदुस्तान के विभिन्न मशहूर और माने हुए उलेमा-ए-किराम ने ख़िताब किया। सभी उलेमा ने जनाब-ए-सय्यदा स.अ की ज़िंदगी के विभिन्न पहलुओं को श्रोताओं के सामने रखा।
पहली मजलिस को हुज्जतुल इस्लाम मौलाना जनान मौलाई साहब ने ख़िताब किया उन्होंने फ़रमाया कि जनाब ए सय्यदा स.अ ने विलायत की हिफ़ाज़त की बुनियाद रखी और आज उसी मिशन को आगे बढ़ाते हुए रहबर-ए-मुअज़्ज़म इंक़लाब आयतुल्लाहुल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है। आज ईरान मज़लूमों का सबसे बड़ा हमदर्द है।
उन्होंने कहा कि रहबर-ए-मुअज़्ज़म वो वाहिद शख़्सियत हैं जिनके खुत्बे और बयान को वाइट हाउस में भी सुना जाता है।
दूसरे उलेमा ने भी जनाब-ए-सय्यदा स.अ की अज़मत और मक़ाम को बयान किया,इस प्रोग्राम में गाँव के साथ-साथ बाहर से आई हुई अंजुमनों ने भी नौहा-ख़्वानी के ज़रिए अपने इमाम अ.स को उनकी जद्दा स.अ की शहादत पर पुरसा पेश किया।
अंजुमनों के साथ-साथ वहाँ मौजूद उलेमा ने भी जुलूस के दौरान तख़रीर फ़रमाई,मजलिस का आग़ाज़ हदीस-ए-किसा की तिलावत से हुआ जिसे मौलाना मोहम्मद जावेद हुसैनी ने अंजाम दिया।
पाँच मजलिसों में मौलाना जनान असग़र मौलाई साहब, मौलाना हैदर मौलाई साहब, मौलाना नदीम असग़र साहब, मौलाना उरूज अली साहब, और मौलाना शब्बीर अली वारिसी साहब ने ख़िताब किया।
जुलूस के दौरान मौलाना मज़ाहिर हुसैन साहब (प्रिंसिपल मदरसा बाबुल-इल्म), मौलाना सैय्यद अली फ़ख़री साहब मौलाना जाफ़र रज़ा जौहरी साहब, मौलाना नसीमुल हसन साहब और मौलाना मोहम्मद कामिल कौसरी साहब ने तक़रीर फ़रमाई।
सोज़ख़्वानी गाँव की मशहूर अंजुमनों ने अंजाम दी और पेशख़्वानी मौलाना वसीम घोसी और नसीम घोसी ने की।
इस प्रोग्राम में मोमिनीन ने बड़ी तादाद में शिरकत कर वक्त के इमाम अ.स की ख़िदमत में पुरसा पेश किया।निज़ामत के फ़र्ज़ मौलाना शफ़क़त तक़ी और जनाब ज़फ़र महदी साहब ने अदा किए।
रिपोर्ट: मोहम्मद अकील इफ्तिखारी मुक़ीम क़ुम
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